reported by ;- प्रिया शर्मा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट के प्रत्याशी मनोज तिवारी 2014 के मुकाबले 2018 में आधी रह गई.. उनकी संपत्तियों के मूल्य वृद्धि दर्ज की गई ..5 साल पहले जितनी कारें थी उतनी ही आज भी है इनके साथ नकदी भी कम हुई है वही पिछली बार बेदाग रूप से मैदान में चुनाव में उतरे मनोज तिवारी के खिलाफ इस बार 3 मामले दर्ज हो चुके हैं इसमें दो गोकुलपुरी में दुकान की सील तोड़ने और सिग्नेचर ब्रिज पर पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की है, जबकि एक मामला मध्य प्रदेश में उनके खिलाफ पिछले साल दर्ज हुआ था वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू से एमपीएड की पढ़ाई कर चुके हैं
2014और 2018 में मनोज और मनोज तिवारी की तरफ से नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे से पता चलता है कि 2013 -14 में जहां उनकी वार्षिक आए करीब 85 लाख रुपए थी वह 2017- 18 में घटकर करीब 48 लाख रूपये रह गयी है हालांकि पिछले साल उनकी सालाना आय करीब 80 लाख रूपये थी पिछले 5 सालों में उनके निवेश ,अचल - चल संपत्ति व वाहनों के मूल्य में फेरबदल हुई हालांकि कोई नया वाहन या अचल संपत्ति नही खरीदी गई
2014 में उनकी अचल संपत्ति करीब 13 करोड़ रूपये की थी , जो इस साल बढ़कर 15.76 करोड़ रूपये हो गयी व्ही चल सम्पत्ति करीब साथ करोड़ रूपये की थी , जो इस साल बढ़कर करीब 8.5 करोड रुपए हो गई
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के पास पिछली बार पांच लग्जरी कारें , ऑडी Q7 , मर्सिडीज बेंच, फॉर्च्यूनर, हौंडा सिटी ,और इनोवा थे इनकी संख्या में इस बार कोई वृद्धि नहीं हुई है लेकिन 2014 में इनकी कीमत करीब 1 करोड़ रूपये आंकी गयी थी जो इस बार 54 लाख रूपये के आसपास ही रह गयी साथ ही बीमा कंपनियों में निवेश की रकम करीब 11लाख रुपए थी ,जो इस साल बढ़कर करीब 12.5 लाख रूपये हो गई है पिछली बार देनदारी करीब साडे तीन करोड़ रुपए थी, जो इस बार बढ़कर करीब डेढ़ करोड़ रुपए हो गई