REPORTED BY : संदीप कुमार
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले निगम में सिर्फ महापौर, उपमहापौर बदले गए थे। नतीजे आने के बाद अन्य पदाधिकारियों का एलान होना था। अब तक पद से वंचित भाजपा के पार्षदों को उम्मीद थी कि उनके वार्ड में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा तो इस बार उन्हें पद मिल जाएगा। लेकिन, नतीजे आने के बाद अधिकतर वार्डो में पार्टी का प्रदर्शन पहले की अपेक्षा बेहतर रहा। ऐसे में दावेदारों की फौज तैयार हो गई।
पार्टी के लिए यह स्थिति सुखद तो थी, लेकिन असहज करने वाली भी थी। इसे देखते हुए पार्टी ने इन पदों पर बैठे नेताओं को ही दोबारा मौका दे दिया। इसमें अपवाद रहे शाहदरा उत्तरी जोन के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता। दरअसल, वह दो सालों से लगातार इस पद पर थे। इस वजह से उन्हें मौका नहीं मिला। अब स्वास्थ्य समिति सहित दो-तीन अन्य समितियों के चेयरमैन की घोषणा बची है। उम्मीद है कि यहां भी कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया कि जब अधिकांश वार्डो में पार्टी की जीत हुई तो मौजूदा पदाधिकारियों को इनाम देना तो बनता था। इसी वजह से यह फैसला किया गया। लेकिन, इससे वार्ड में पार्टी को जीत दिलाने के बावजूद कई पार्षद बिना पद के ही रह गए।