दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मंगलवार को कहा है कि भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी द्वारा लगाए गए आरोप फर्जी हैं। उन्हें योजना के बारे में सही जानकारी नहीं है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (परियोजना) एमके महोबिया के इस बारे में दिए गए बयान को ट्वीट किया और कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तिवारी भी इसे ठीक से देख लें।
मुख्य अभियंता महोबिया ने कहा है कि आरटीआइ में योजना की दी गई स्वीकृति राशि को खर्च होने वाली वास्तविक राशि मान लिया गया है। इसलिए भ्रम की स्थिति खड़ी हुई है। जबकि वास्तविक राशि काम पूरा होने के बाद ही पता चलेगी, जो कि 16 से 17 लाख हो सकती है। इस योजना के तहत बन रहे कमरों का अभी 10 फीसद से लेकर 25 फीसद तक ही काम पूरा हो सका है। इसके तहत करीब 240 स्कूलों में 12798 कमरे बनाए जाने हैं।
हालांकि, इसके लिए केंद्र सरकार के अधीन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के प्लिंथ एरिया रेट के मानक के अनुसार इस्टीमेट बनाए गए और इसकी स्वीकृति दी गई। इसके लिए 2892 करोड़ स्वीकृति राशि निर्धारित थी। इसके लिए 2400 करोड़ रुपये के ऑनलाइन टेंडर जारी किए गए। लेकिन, यह टेंडर 2100 करोड़ के बिके।
योजना के तहत कमरों में उच्च स्तर की निर्माण सामग्री लगाई जानी है। इसके अलावा कॉरिडोर, सीढ़ियां व शौचालय के अलावा जल संरक्षण, कमरों को तोड़ने आदि का काम भी शामिल है। इसकी डिजाइन आइआइटी दिल्ली ने तैयार की है। दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) को गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री गौतम ने कहा कि एक-एक पैसे का हिसाब रखा गया है और सभी कुछ पारदर्शी है। ऐसे में यह कहना कि घपला हुआ है ठीक नहीं है। 31 मई तक अभी केवल 165 करोड़ की राशि योजना पर खर्च हुई है। सभी काम पूरी पारदर्शिता के साथ कराया जा रहा है।